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Showing posts from August, 2024

"20 अगस्त: राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस - विज्ञान की दुनिया को जानने का दिन"

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"20 अगस्त: राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस - विज्ञान की दुनिया को जानने का दिन" बच्चों को विज्ञान की जटिल प्रक्रियाओं को समझाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, लेकिन इसे दिलचस्प और आकर्षक बनाने के लिए प्रयोग एक अत्यंत प्रभावी तरीका है। आज कक्षा में बच्चों को मोमबत्ती के जलने और फिर उसे गिलास से ढकने पर बुझ जाने की प्रक्रिया को समझाने के लिए एक सरल और प्रभावशाली प्रयोग किया गया। इस प्रक्रिया को देखने और समझने के बाद, बच्चों में विशेष रूप से दिव्यांश और अनुभव ने अपनी जिज्ञासा और ज्ञान के आधार पर बहुत उत्साहित होकर अपनी-अपनी राय साझा की। **प्रयोग की शुरुआत:** शिक्षक ने सबसे पहले बच्चों को मोमबत्ती और एक खाली गिलास दिखाया। उन्होंने बच्चों से पूछा कि क्या वे जानते हैं कि जब हम मोमबत्ती को जलाते हैं तो क्या होता है। बच्चों ने विभिन्न उत्तर दिए, जिनमें से कुछ सही थे, तो कुछ में थोड़ी सी गलतफहमी थी। इसके बाद शिक्षक ने मोमबत्ती को जलाकर कक्षा के सामने रख दिया, जिससे सभी बच्चे ध्यान से देख सकें। जलती हुई मोमबत्ती के माध्यम से बच्चों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि जलने की प्रक्रिया ...

"रक्षाबंधन: भाई-बहन के अनमोल रिश्ते का पर्व"

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रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के बंधन को मनाता है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते की गरिमा और पवित्रता को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी सुरक्षा, समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों को जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।  जब स्कूलों में इस त्योहार को मनाया जाता है, तो इसका उद्देश्य बच्चों को न केवल इस त्योहार के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराना होता है, बल्कि उन्हें अपने रिश्तों की अहमियत समझाना भी होता है। रक्षाबंधन के अवसर पर स्कूलों में राखी बनाने की गतिविधि इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।  बच्चों को राखी बनाना सिखाने से वे अपनी रचनात्मकता का विकास कर सकते हैं। यह उनके हाथों के कौशल और सृजनात्मकता को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, जब वे खुद से राखी बनाते हैं, तो वे इस प्रक्रिया में और भी अधिक जुड़ाव महसूस करते हैं। उन्हें समझ आता है कि राखी सिर्फ एक धागा नहीं है, बल्कि यह प्यार, सम्मान, और भाई-बहन के बीच के संबंधों का प्...

लश्करी एकेडमी, मसौधा प्रिंसिपल महोदय ने सभी को स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए अपने वक्तव्य मे कहाआज हम स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह उस आजादी का जश्न है, जिसे हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने 200 वर्षों के संघर्ष के बाद प्राप्त किया था। इसी दिन ब्रिटिश हुकूमत की बेड़ियों में जकड़ी भारत मां को मुक्ति मिली थी। हम हमारे महान क्रांतिकारियों के बलिदान को याद कर उन्हें नमन करते हैं।स्वतंत्रता संग्राम में दिया गया ‘इंकलाब जिंदाबाद’ वह नारा है, जिसने प्रत्येक भारतीय की रग में आजादी के लिए जोश भर दिया था। हमारे क्रांतिकारियों के विचार हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने के लिए प्रेरित करते हैं।हमें भाषा, क्षेत्र, धर्म और जाति के भेदभाव को मिटाकर अपने देश की प्रगति और समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए और हमारे सांस्‍कृति और सामाजिक मूल्‍यों को संजोकर रखना चाहिए।हम "सत्यमेव जयते" के संदेश पर चलकर अपने विचारों और कर्मों में सच्चाई और न्याय की अनिवार्यता समझें और राष्ट्र और समाज के विकास में योगदान दें। आइए, स्वतंत्रता दिवस इस संकल्प को आत्मसात करें और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करें।जय हिंद!

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